भैरव सेना ने सड़क पर उतरकर दी आंदोलन की चेतावनी

श्रीनगर। प्रतिष्ठित शक्तिपीठ धारी देवी मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाई गई घंटियों को नीलाम किए जाने के विवाद ने और तूल पकड़ लिया है। घंटियों की नीलामी के विरोध में हरिद्वार से आई भैरव सेना ने धारी देवी मंदिर के समीप जमकर नारेबाजी की। भैरव सेना के सदस्यों ने कहा कि श्रद्धालुओं द्वारा आस्था पूर्वक मंदिर में भेंट की गई घंटियों की नीलामी करना सनातनी धार्मिक आस्थाओं के विरुद्ध है। अगर घंटियों की नीलामी नहीं रोकी जाती है तो सड़कों पर उतरकर आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
आपको बता दें कि आद्यशक्ति मां धारी पुजारी न्यास द्वारा घंटियों की नीलामी को लेकर निविदा प्रकाशित करवाई गई थी। लेकिन देवी की मूर्ति को नदी से निकालने वाले कुंजू धुनार के वंशजों की ओर से घंटियों की नीलामी का विरोध किया गया। जिसके बाद न्यास द्वारा घंटियों की नीलामी प्रक्रिया स्थगित कर दी गई। मंगलवार को हरिद्वार से आई भैरव सेना के सदस्यों ने भी घंटियों की नीलामी के विरोध में मंदिर के समीप नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे तहसीलदार श्रेष्ठ गुनसोला को भैरव वाहिनी के सदस्यों ने ज्ञापन देकर कहा मंदिर समिति मंदिर में चढ़ाई गई घंटियों की नीलामी का तुगलकी फरमान जारी कर रही है। धारी देवी का मंदिर किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है। घंटियों को मंदिर जाने वाले रास्ते के दोनों छोरों पर लगाया जा सकता है। प्रशासन को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए भैरव सेना के सदस्यों ने सड़क पर उतर कर आंदोलन की चेतावनी दी। कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो प्रदेश व्यापी आंदोलन भी किया जाएगा। इस दौरान भैरव सेना के केंद्रीय अध्यक्ष संदीप खत्री, राज्य अध्यक्ष सागर कुमार, महामंडलेश्वर गुरु ओगेंद्र नाथ, विशाल नाथ, जितेंद्र सिंह, अरुण बुटोला, संजय सिंह, करन शर्मा आदि मौजूद थे।

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