श्रीनगर। शहरवासियों को साढ़े तीन करोड़ की लागत से बने भव्य शारदा नाथ स्नान घाट की सौगात मिल गई है। निर्माणदायी संस्था उत्तराखंड परियोजना विकास एवं निर्माण निगम द्वारा बनाए गए इस स्नान घाट का कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सोमवार को विधिवत उद्घाटन कर शहरवासियों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा कर दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि श्रीनगर अब नगर निगम बन गया है। विकास के कार्य यहां रुकेंगे नहीं। प्रत्येक दिन इस स्नान घाट में गंगा आरती होगी। ऐसा ही सुंदर स्नान घाट धारी देवी मंदिर में भी बनाया जाएगा। जिसके लिए जल्द ही बजट जारी किया जाएगा।
शारदानाथ स्नान घाट के लोकार्पण के बाद गंगा आरती समिति के अध्यक्ष प्रेम बल्लभ नैथानी, कैबिनेट मंत्री, सहित सभी श्रद्धालुओं ने गंगा आरती की। इस अवसर पर गंगा आरती समिति के अध्यक्ष प्रेम बल्लभ नैथानी ने स्नान घाट का निर्माण एवं लोकार्पण किए जाने पर कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि गंगा आरती समिति पूर्व से ही यहां पर स्नान घाट बनाए जाने को लेकर प्रयासरत रही। स्नान घाट बनने से क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ मिलेगा। इस दौरान मास्टर माइंड पब्लिक स्कूल के छात्रों द्वारा पारंपरिक परिधानों के साथ छोलिया नृत्य भी प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में पूर्व राज्य मंत्री अतर सिंह असवाल, मंडल अध्यक्ष जितेंद्र धिरवाण, गिरीश पैन्यूली, डॉ. सुधीर जोशी, लखपत भंडारी, भाजपा जिला मीडिया प्रभारी गणेश भट्ट, संजय गुप्ता, सौरभ पांडेय, हिमांशु बहुगुणा, सूर्य प्रकाश नौटियाल, स्नान घाट का निर्माण करने वाले ठेकेदार शिवप्रताप पुंडीर सहित कई श्रद्धालु उपस्थित थे।
स्नान घाट बना भव्य, लेकिन स्नान के लिए नदी में स्वच्छ जल नहीं
शारदा नाथ स्नान घाट के लोकार्पण अवसर पर आए कई स्थानीय लोगों ने कहा स्नान घाट तो भव्य बन गया है। लेकिन घाट के समीप नदी में न तो पर्याप्त जल है। साथ ही एक गंदे नाले से आ रहा पानी नदी में समा रहा है। जिससे यहां पर नहाने योग्य पानी नहीं है। स्थानीय निवासी नरेश नौटियाल ने कहा कि हमारी सरकार एवं कैबिनेट मंत्री के प्रयासों से शारदा नाथ स्नान घाट बहुत सुंदर बन गया है। लेकिन यहीं पर एक गंदा नाला नदी में मिल रहा है और पानी में काई भी जमी हुई है। कैबिनेट मंत्री के कार्यक्रम में होने के बावजूद आज डैम से पानी नहीं छोड़ा गया, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। इसके लिए लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा और सरकारी तंत्र को भी इन चीजों पर अधिक ध्यान देना होगा। सामाजिक कार्यकर्ता विभोर बहुगुणा ने कहा कि एक तरफ सभी लोग गंगा आरती के लिए इकट्ठा हुए हैं, लेकिन जिस स्थान पर गंगा आरती होगी वहां पर गंगा विलुप्त है। केवल नाले का शोर यहां पर सुनाई दे रहा है। कैबिनेट मंत्री द्वारा यहाँ पर सुंदर स्नान घाट का निर्माण किया गया है। यहां पर सुबह शाम डैम द्वारा पानी पर्याप्त मात्रा में छोड़ा जाना चाहिए। ताकि श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस न पहुंचे। इस समस्या पर कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा नगर निगम बनने के बाद लगभग 2 हजार परिवार इसमें और जुड़ गए हैं। सीवरेज की व्यवस्था के लिए विभागों को 2 महीने के अंदर डीपीआर बनाने के निर्देश दे दिए हैं। लगभग 100 करोड रुपए इसमें खर्चा आएगा। कोई भी परिवार इसमें नहीं छूटेगा और एक भी गंदा नाला नदी में नहीं जाना चाहिए। गंगा की पवित्रता एवं निर्मलता बनाए रखने के लिए हम निरंतर प्रयासरत हैं।