उत्तराखंड की बेटियों को न्याय दिलाने के लिए मातृभूमि सेवा पार्टी की न्याय यात्रा श्रीनगर पहुंची
श्रीनगर। बेटियों पर हुए अत्याचार के विरोध में देशभर में आवाज को बुलंद करने और उन्हें न्याय दिलाने हेतु मातृभूमि सेवा पार्टी द्वारा निकाली जा रही न्याय यात्रा शनिवार को श्रीनगर पहुंची। न्याय यात्रा के दौरान उत्तराखंड के पौड़ी जिले की बेटियों अंकिता भंडारी व किरन नेगी के साथ हुए जघन्य अपराध एवं हत्याकांड को लेकर कड़ा आक्रोश व्यक्त किया गया और दोनों बेटियों को न्याय दिलाने के लिए जन समर्थन की अपील की गई। इस दौरान अंकिता की मां सोनी भंडारी एवं दिल्ली के छावला में दरिंदगी का शिकार हुई किरन नेगी के पिता कुंवर सिंह नेगी ने कहा कि दोषियों को उनके कृत्यों की शीघ्र कड़ी सजा मिलनी चाहिए। अपनी बेटियों को न्याय दिलाने के लिए वह पीछे नहीं हटेंगे। अपनी बेटियों को न्याय दिलाने के लिए उन्होंने जनता से साथ देने की अपील की।


अंकिता भंडारी की मां सोनी भंडारी ने पत्रकारों से वार्ता में फफक फफक रोते हुए पुनः दोहराया कि सरकार को जरा भी दया नहीं आई, अंतिम समय में मुझे मेरी बेटी का चेहरा नहीं दिखाया गया। मुझे जबरन हॉस्पिटल में एडमिट कर दिया गया और मेरी बेटी की अंत्येष्टि कर दी गई। बाद में अफवाह फैलाई गई कि हमें करोड़ों रुपए और देहरादून में फ्लैट दे दिया गया है। कहा कि इन सब बातों से हम पर क्या गुजरती होगी। क्या उम्मीद करूं मैं शासन प्रशासन से। उन्होंने जनता से बेटी को न्याय दिलाने हेतु समर्थन देने को कहा।
मातृभूमि सेवा पार्टी के महासचिव कमल ध्यानी ने पत्रकारों के साथ वार्ता में कहा कि जब सरकारें हमारी बेटियों को न्याय नहीं दिला पा रही हैं। इसलिए बेटियों को न्याय दिलाने हेतु 19 फरवरी को दिल्ली से न्याय यात्रा शुरू की गई थी। इसी क्रम में यह यात्रा श्रीनगर पहुंची है। 2 मार्च को न्याय यात्रा अल्मोड़ा के चितई मंदिर में न्याय के देवता गोल्ज्यू देवता के दरबार तक जाएगी। उन्होंने किरन नेगी के साथ हैवानियत की सारी हदें पार करने वाले आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के फैसले को लोगों के न्यायिक भंरोसे पर चोट बताया। एमसीपी के अध्यक्ष सुधीर नेगी ने कहा कि किरन नेगी के आरोपियों को जिला जज ने फांसी की सजा दी। हाईकोर्ट ने भी इसी फैसले को बरकरार रखते हुए फांसी की सजा दी। सुप्रीम कोर्ट में 8 साल तक जब यह मामला चला इसके बाद सबूतों के अभाव में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरोपियों को बरी कर दिया गया। उन्होंने कहा इस मामले में जब तक राजनीतिक दखल नहीं थी तब तक हमें न्याय मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे ही मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा इसमें राजनीतिक दखल पढ़ते ही यह मुद्दा पूरा बदल गया। उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी मामले में भी बहुत ज्यादा राजनीतिक दखल है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपियों को बचाने के लिए प्रशासन न्याय प्रणाली को भटका रहा है और अपराधियों को बचाने की भरपूर कोशिश की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता महावीर सिंह फरस्वाण ने कहा कि अंकिता भंडारी केस की सही तरीके से जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कानून नहीं सुन रहा है, सरकार नहीं सुन रही है। न्याय दिलाने वाले जो पदों पर बैठे हैं, इन सब को जगाने के लिए यह न्याय यात्रा निकाली जा रही है। पत्रकार आशुतोष नेगी ने कहा कि अंकिता भंडारी केस में अन्य राजनीतिक दलों द्वारा भी आवाज बुलंद नहीं की गई। मातृभूमि सेवा पार्टी ने इस आवाज को बुलंद किया है। कहा कि अंकिता भंडारी का केस कोटद्वार चलाया जा रहा है जहां अंकिता भंडारी के परिजनों को जान का खतरा है। इस केस को पौड़ी शिफ्ट किया जाए। पूर्व गढ़वाल आयुक्त एसएस पांगती ने कहा, दो बालिकाओं की नृशंस हत्या हुई है। कोर्ट में सही पैरवी करने का दायित्व सरकार का था। लेकिन न्याय नहीं मिल रहा है। लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। इसलिए ऐसे मुद्दों पर जनता का समर्थन देना जरूरी है। उत्तराखंड पूर्व सैनिक संगठन के महासचिव पीसी थपलियाल ने कहा जनता की अपनी चुनी हुई सरकार के होते हुए बेटियों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

We use cookies to ensure that we give you the best experience on our website.