दूरदर्शी और महिला सशक्तिकरण के सच्चे पैरोकार थे स्व.जोशी: प्रो. सुरेखा डंगवाल
श्रीनगर। श्री कम्युनिकेशन एवं जोशी परिवार की ओर से आयोजित कार्यक्रम में नगर क्षेत्र के व्यवसायी, कवि, रंगकर्मी, कलाकार एवं समाजसेवी स्व. अंबिका प्रसाद जोशी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर आधारित पुस्तक प्रतिबिम्ब का विमोचन किया गया। इस मौके पर दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.सुरेखा डंगवाल ने कविता के प्रभाव तथा श्रीनगर में रामलीला मंचन के मंच की प्रभावी व्याख्या प्रस्तुत की। इस अवसर पर अंबिका प्रसाद जोशी की स्मृति में होली मिलन का आयोजन भी किया गया, जिसमें हुल्यारों ने खूब रंगत बटोरी। दीपक नैथानी तथा अनिरुद्ध चंदोला द्वारा अंबिका जोशी लिखित कविता मैं ‘गंगा हूं तुम्हारी’ तथा ‘नारी’ को वाद्य यंत्रों के साथ गाकर उपस्थित जन समूह को भाव विभोर कर दिया। उनके छोटे बेटे माधवेंद्र जोशी ने जब कविता ‘गांधी’ को रैप में गाकर सुनाया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं गायिका वसुधा गौतम की सरस्वती वंदना से हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.सुरेखा डंगवाल ने कहा कि अंबिका प्रसाद जोशी श्रीनगर के उन साधारण, परंतु असाधारण व्यक्तित्वों में शामिल रहे, जिन्होंने अध्यवसाय से अपने लिए एक नया रास्ता तैयार किया। उन्होंने अपने बचपन की कई घटनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि श्रीनगर और यहां के लोग उनके लिए क्या मायने रखते हैं। उन्होंने कहा कि चंद लाइनों की कविता अपना प्रभाव दिखाने में पूरी तरह सक्षम होती है। अंबिका प्रसाद जोशी की कविताएं बताती हैं कि वे कितने बड़े चिंतक, दूरदर्शी और महिला सशक्तिकरण के सच्चे पैरोकार थे। उन्होंने कहा कि आज उनकी तीनों संतानें राघवेंद्र, भारती और माधवेंद्र उनके पद चिन्हों का अनुशरण करते दिख रहे हैं।
अति विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डा.विष्णुदत्त कुकरेती ने कहा कि अंबिका प्रसाद जोशी के साथ कई मंचों पर एक साथ कविता पाठ किया है। वे समसामयिक विषयों पर त्वरित काव्य रचना के माहिर थे। उन्होंने जोशी परिवार द्वारा अंबिका प्रसाद जोशी की रचनाओं के इस तरह दस्तावेजीकरण करने पर खुशी जताई। कहा कि यह उनके लिए वास्तविक श्रद्धांजलि है। विशिष्ट अतिथि उमा घिल्डियाल ने कहा कि श्री जोशी जिस तेवर की कविताएं लिखते थे, वह अद्भुत था। एक कवि ही ऐसी चोट कर सकता है, जैसी चोट अपनी कविताओं में अंबिका जोशी किया करते थे।
प्रतिबिम्ब की संपादक गंगा असनोड़ा ने कहा कि पुस्तक में अंबिका प्रसाद जोशी की कुल 63 हिन्दी कविताएं, दो भाषण एवं एक वृहद आलेख शामिल हैं। उनका यह कृतित्व तत्कालीन समाज, वातावरण, स्थितियों-परिस्थितियों, निर्बल की व्यथा तथा नारी सशक्तिकरण पर आधारित हैं। इस मौके पर प्रसिद्ध गायिका लता पांडे तथा मां मायादेवी ग्रुप के कलाकारों, वीरेन्द्र रतूड़ी ‘बिट्टू,’ अमन धनाई, भानेश असवाल, शालिनी बहुगुणा, वसुधा गौतम ने होली गीतों पर दर्शकों को खूब झुमाया।
मां का इस तरह रखते थे मान
श्रीनगर। अंबिका प्रसाद जोशी की पत्नी नीता जोशी ने इस मौके पर दो घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक बार श्री जोशी ने एक साथ दो चाय सिर्फ इसलिए पी ली कि पहली चाय उनकी पत्नी ने और उसके चंद मिनटों बाद ही दूसरी चाय उनकी मां दुकान पर लाई थी। वे अपनी मां का अपमान नहीं करना चाहते थे। कुछ ऐसा ही तब होता, जब वे चुपचाप कुछ कहे बगैर ही अपनी मां के पर्स में रूपए डाल जाते।
महिला सशक्तिकरण के पैरोकार थे जोशी
श्रीनगर। प्रतिबिम्ब में प्रकाशित करीब आधा दर्जन कविताएं स्त्री तथा उसके सामाजिक जीवन पर आधारित हैं। इसके अलावा एक वृहद आलेख भी स्त्री के सामाजिक जीवन पर आधारित है, जिसमें वे स्त्री को किसी भी बंधन से मुक्त रखने का भाव प्रकट करते दिखते हैं।
वर्ष 2014 में एक दुर्घटना में हुई थी मृत्यु
श्रीनगर। अंबिका प्रसाद जोशी की 25 अगस्त 2014 को एक वाहन दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। राज जात यात्रा दर्शन कर लौट रहे अंबिका के परिवार पर तब दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा था, जब उनका वाहन कुलसारी से लौटते हुए नौली में एक तीखे मोड़ पर पिंडर नदी में जा समाया। इस दुर्योग के बाद यह एक संयोग ही रहा कि 25 सितम्बर 1962 को जन्मे अंबिका जोशी की मृत्यु 25 अगस्त 2014 की तारीख में हुई। जबकि 26 अगस्त 2014 को पंचतत्व में विलीन जोशी को उनके परिजनों ने इसी तारीख 26 फरवरी 2023 में उनके कृतित्व पर प्रकाशित पुस्तक के विमोचन के साथ तर्पण दिया है।
बिटिया भारती का सपना हुआ साकार
श्रीनगर। अपने पिता के जीते जी उनकी बिटिया भारती ने अपने पिता से यह सवाल किया था कि आपकी पुस्तक का विमोचन कब होगा? अचानक पिता के प्रयाण के बाद से भारती इस कशमकश में थी कि मेरे पिता की कविताओं का संकलन प्रकाशित होना चाहिए। अंततः यहां-वहां बिखरे पन्नों को जोड़कर भारती ने यह मुकाम पा ही लिया। इस अवसर माया देवी ग्रुप के कमला उनियाल, साईनीकृष्ण उनियाल,प्रीति सेमवाल, संध्या डिमरी, पूजा मिश्रा, शकुंतला बंगवाल, नेहा बंगवाल, सरिता बंगवाल, सबिता बंगवाल, गणेशी उनियाल,कविता उनियाल,सोनी बंगवाल सहित कई अतिथि मौजूद थे।