जांच होने तक संस्थान के दोनों अधिकारियों को निलंबित किए जाने की मांग

श्रीनगर। गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं और आइसा छात्र संगठन ने घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनीषा भट्ट की आत्महत्या के मामले की निष्पक्ष जांच एवं आरोपियों पर शीघ्र कार्यवाही किए जाने की मांग की है। इस मामले में मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी को दिए गए ज्ञापन में गढ़वाल विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा प्रतिनिधि शिवानी पांडेय, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अंकित उछौली, छात्र संघ उपाध्यक्ष रोबिन असवाल आदि ने कहा कि 25 मई को घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज की प्रोफेसर डॉ मनीषा भट्ट द्वारा नदी में कूदकर आत्महत्या की कोशिश की गई। स्थानीय लोगों, पुलिस प्रशासन एवं अस्पताल कर्मियों की तमाम कोशिशों के बावजूद डॉ. मनीषा को नहीं बचाया जा सका। डॉ मनीषा भट्ट के पति संदीप भट्ट ने इस मामले में संस्थान के दो अधिकारियों डॉ. एके गौतम और डॉ. वाई सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कोतवाली में तहरीर दी है। उन्होंने कहा कि ये आरोप न केवल गंभीर प्रशासनिक लापरवाहियों के हैं, बल्कि डॉ. मनीषा भट्ट को उनके मातृत्व अवकाश को देने में भी आनाकानी करने को लेकर है। हमारे देश में मातृत्व अवकाश, महिलाओं का समाज के विकास के लिए निभाई जाने वाली जिम्मेदारी के प्रति सरकार की एक मदद के तौर पर यह अधिकार दिया गया है। इस अधिकार को लेने में किसी महिला को मानसिक उत्पीड़न झेलना पड़े, यह एक संस्थान की कार्यकुशलता पर प्रश्न चिन्ह तो है ही, साथ ही एक गंभीर अपराध भी है उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि जांच होने तक इन दोनों ही अधिकारियों को निलंबित किया जाय, ताकि ये जांच को प्रभावित न करें। ज्ञापन देने वालों ने आइसा के नगर अध्यक्ष वीरेंद्र वर्मा, नगर सचिव समरवीर रावत आदि शामिल थे।

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