छात्र संगठन आइसा के छठवें राज्य सम्मेलन में सबको शिक्षा और सम्मानजनक रोजगार के लिए संघर्ष हेतु युवाओं से आगे आने का किया आह्वान
श्रीनगर। नफरत नहीं, सबको शिक्षा और सम्मानजनक रोजगार के नारे के साथ छात्र संगठन आइसा के छठवें राज्य सम्मेलन का आगाज हुआ। जिसमें छात्र एवं वक्ता रोजगार महंगी शिक्षा, सांप्रदायिक नफरत आदि के मुद्दों पर मुखर रहे। इस दौरान सबको शिक्षा और सम्मानजनक रोजगार के लिए संघर्ष हेतु युवाओं से आगे आने का किया आह्वान किया गया। 
गढ़वाल विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में आयोजित राज्य सम्मेलन में प्रदेशभर के कार्यकर्ताओं के साथ विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग मौजूद रहे। मुख्य वक्ता आइसा के राष्ट्रीय महासचिव प्रसेनजीत ने कहा कि उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार आम जनता, छात्रों और नौजवानों पर डबल बुलडोजर की सरकार बनी हुई है। इस दौर में रोजगार देश का बड़ा सवाल है लेकिन सरकार सम्मानजनक रोजगार देने के बजाय सरकारी संस्थानों का निजीकरण कर रोजगार को ही खत्म कर रही है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं , देशभर में सांप्रदायिक उन्माद बढ़ाया जा रहा है। जोशीमठ आंदोलन के नेता और भाकपा माले के गढ़वाल सचिव अतुल सती ने कहा कि मोदी सरकार हर रोज शिक्षा और रोजगार पर लगातार नए झूठ देश और दुनिया में भर बोल रही है। देश भर में जल जंगल, जमीन का आंदोलन लोकतंत्र बचाने का आंदोलन है, जोशीमठ के लोग इसी आंदोलन को लड़ रहे है। आम लोग सरकार की विकास परियोजनाओं के दुष्प्रभावों को झेल रहे है।
भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार केंद्रीकरण को बढ़ावा दे रही है। एक चुनाव, एक भाषा, एक रंग, एक विश्वविद्यालय परीक्षा इसी तरह का प्रयास है। अब शिक्षा का पूरा मॉडल पूंजीवादी व्यवस्था में तब्दील हो गया है। भाकपा माले की केंद्रीय कमेटी के सदस्य और आइसा के राज्य प्रभारी कैलाश पांडे ने कहा कि आइसा ने छात्रों के सवालों को उत्तराखंड के स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ स्थापित करने के लिए हमेशा से संघर्ष किया है।
गढ़वाल विश्वविद्यालय की छात्रा प्रतिनिधि मोनिका चौहान ने कहा कि नई शिक्षा नीति ने गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ ही देश भर के छात्रों को असमंजस की स्थिति में डाल दिया है। सीयूईटी के कारण कई छात्र प्रवेश लेने से ही वंचित हो गए है। छात्र संघ उपाध्यक्ष रॉबिन सिंह ने कहा कि उत्तराखंड समेत देश भर में भर्ती घोटालों से युवाओं के रोजगार की चोरी की जा रही है। जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय पार्षद मदन मोहन चमोली ने “सृष्टि बीज का नाश न हो’ गीत गाकर आइसा के आंदोलन में एकजुटता दिखाई। संचालन गढ़वाल विवि के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अंकित उछोली ने किया। कार्यक्रम में डॉ. शिवानी पांडेय, पत्रकार गंगा असनोड़ा, उपासना भट्ट, योगेंद्र कांडपाल, सीमा सती, कपूर रावत आदि मौजूद रहे।

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