राष्ट्रपति ने देवभूमि को ज्ञान, विज्ञान, विवेकवान और शौर्य की भूमि बताया
भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा में उत्तराखंड के योगदान को बताया सराहनीय
श्रीनगर। हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने विवि के तीनों कैंपस के टॉपर छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किये। समारोह में कुल 59 स्वर्ण पदक, 1182 स्नातकोत्तर डिग्रियाँ और 98 पीएचडी डिग्रियाँ प्रदान की गई। उन्होंने छात्र-छात्राओं की हौंसलाफजाई करते हुए कहा कि 1973 में स्थापित गढ़वाल विश्वविद्यालय ने समय के साथ खुद को ढाला है। इस दीक्षांत समारोह की विषय वस्तु *सशक्त महिला समृद्ध राष्ट्र* इस विवि की प्रगतिशील सोच को परिलक्षित करती है।
राष्ट्रपति की महत्वपूर्ण तीन सलाह
इस मौके पर उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि यह तीन बातें हमेशा जिंदगी में याद रखना। सबसे पहले अपनी जड़ों को मत भूलना चाहे वह दोस्त-परिजन हों या स्कूल कॉलेज। दूसरी सलाह- सच्चाई ईमानदारी और निष्पक्षता जैसे नैतिक मूल्य से कभी समझौता न करें और तीसरी बात यह याद रखें कि जो शिक्षा हम ग्रहण कर रहे हैं उसमें समाज का भी अहम योगदान है। इसलिएअपनी विकास यात्रा में समाज में पीछे छूटे लोगों की पूरी मदद करें। ताकि वे समाज की मुख्य धारा में शामिल हो सकें।
राष्ट्रपति ने इस दौरान अपने संबोधन में उत्तराखंड को ज्ञान, विज्ञान, विवेकवान और शौर्य की भूमि बताते हुए कहा कि इस देवभूमि से अनेक प्रेरणास्रोत व्यक्तित्व ने जन्म लिया है जिन्होंने देश- दुनिया का मार्गदर्शन किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक था गांव शॉर्ट फिल्म का किया जिक्र
उन्होंने सृष्टि लखेड़ा द्वारा निर्मित *एक था गांव* डॉक्युमेंट्री को नेशनल सिनेमा अवार्ड प्राप्त करने की भी सराहना की। साथ ही उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा, सुमित्रानंदन पंत, मंगलेश डबराल, शिवानी, भक्तदर्शन आदि महान विभूतियों के महत्वपूर्ण योगदान का जिक्र भी किया।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने उपाधि और मेडल प्राप्त करने वाले छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज से वे अपने जीवन की महत्वपूर्ण यात्रा की शुरूआत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दीक्षांत पढ़ाई का अंत नहीं है बल्कि सतत शैक्षणिक जीवन की यात्रा का एक पड़ाव है। शिक्षा एक अंतहीन यात्रा के समान है जो जीवन पर्यंत चलती रहती है आप अपना लक्ष्य महान रखिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय पुत्र स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा का स्मरण करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय उनकी विकासवादी सोच का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष दीक्षांत समारोह की थीम ’’सशक्त महिला, समृद्ध भारत’’ रखी गई है। जिसका स्पष्ट उदाहरण आज इस दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी हैं। उनका जीवन, शुरुआती संघर्ष, समृद्ध सेवा और अनुकरणीय सफलता प्रत्येक भारतीय को प्रेरित करता है।
इस दौरान दीक्षांत समारोह में विधायक देवप्रयाग विनोद कंडारी, विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी, कुलाधिपति गढ़वाल विश्वविद्यालय डॉ. योगेंद्र नारायण, कुलपति प्रो.अन्नपूर्णा नौटियाल सहित विवि के शिक्षकगण शाहिद छात्र छात्राएं उपस्थित थे।