अपनी संस्कृति, अपनी बोली भाषा न भूलें युवा: सांसद
श्रीनगर। नगर निगम श्रीनगर की ओर से आयोजित बैकुंठ चतुर्दशी एंव विकास प्रर्दशनी मेले की पांचवीं सांस्कृतिक संध्या में लोक गायिका हेमा करासी नेगी ने अपने जागरों व गानों से समां बाँधा। हेमा करासी ने मां भगवती नंदा का आह्वान करते हुए सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ किया। इसके बाद मेरी बामणी बामणी… आदि गीतों पर दर्शक जमकर थिरके।
भक्तियाना स्थित आवास विकास प्रदर्शनी मैदान में आयोजित पांचवी सास्कृतिक संध्या में लोक गायिका हेमा नेगी करासी ने गिरी गेंदुवा….., मेरी बामणी, आछरी जागर सहित बेहतरीन लोक गीतों की प्रस्तुति दी। इस मौके पर लोक गायक अमित सागर और गायिका हेमा करासी ने मिलकर चैता की चैत्वाली…की प्रस्तुती दे कर दर्शकों को खुब झुमाया। इससे पूर्व सांस्कृतिक संध्या का गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री डा. सतपाल महाराज और पौड़ी विधानसभा के विधायक राजकुमार पौरी ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।

इस मौके पर गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने कहा कि युवा अपनी संस्कृति और अपनी बोली भाषा को न भूले। कहा कि उत्तराखंड का पारम्परिक भोजना आज विश्व पटल पर परोसा जा रहा है। जो कि हम सब के लिए गौरव की बात है। मोटा अनाज अब गरीबों का नहीं अमीरों का अनाज हो गया है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि युवाओं के हुनर को मंच मिलना जरूरी है। बैकुंठ चतुर्दशी मेले में यह मंच युवाओं को मिला है। इससे अन्य युवा भी प्रेरित होते हैं। इस मौके पर उपजिलाधिकारी श्रीनगर नूपुर वर्मा, मंडल अध्यक्ष जितेंद्र धिरवाण, वासुदेव कंडारी, पंकज सती, लखपत सिंह भंडारी, गणेश भट्ट आदि मौजूद थे। मंच का संचालन राखी धनाई, डा. राकेश भट्ट, डा. सुधीर जोशी व जयदीप ने किया

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