विकसित भारत 2047 के लिए लैंगिक समानता जरूरी : प्रो मंजुला राणा

एचएनबी केंद्रीय विवि में विकसित भारत @ 2047 के अंतर्गत ‘लैंगिक समानता के विकास’ थीम पर परिचर्चा आयोजित

श्रीनगर। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में विकसित भारत @ 2047 के अंतर्गत ‘लैंगिक समानता के विकास’ थीम पर कला संचार एवं भाषा संकाय द्वारा एक परिचर्चा आयोजित की गई। इस अवसर पर संकायाध्यक्ष प्रो. मंजुला राणा ने कहा कि विकसित भारत में युवाओं की भूमिका सुनिश्चित करने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 11 दिसंबर से आरम्भ हुए यूथ ऑफ वॉइस कार्यक्रम के तहत ये परिचर्चा आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिचर्चा से ही युवाओं के विचार सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लिए लैंगिक समानता जरूरी है।

बिरला परिसर के अंग्रेजी विभाग में आयोजित इस कार्यक्रम में संकाय के अंग्रेजी,हिंदी, संस्कृत, चित्रकला आदि विभागों के प्राध्यापकों ,शोधार्थियों तथा छात्रों द्वारा विकसित भारत 2047 के अंतर्गत लैंगिक समानता के विकास को लेकर चर्चा की गई। कार्यक्रम में लैंगिक समानता की वर्तमान स्थिति को अभिव्यक्त करती लघु फिल्में प्रदर्शित की गई। जिन पर सभी प्रतिभागियों ने अपने अपने विचार व्यक्त किये।

अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. शकुंतला रौथाण ने कहा कि विकसित भारत में महिलाओं को विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज करने के संबंध में जागरूकता पैदा करनी होगी। जिससे विकसित भारत 2047 के सपने पूरे होंगे। कार्यक्रम का संचालन अंग्रेजी विभाग की शोध छात्राओं मिताली और शिवानी ने किया। संस्कृत विभाग के उपाचार्य डॉ आशुतोष गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम में ए.सी.एल. स्कूल के अंतर्गत आने वाले विभागों के विभागाध्यक्ष प्रो. धन सिंह बिष्ट (चित्रकला विभाग),प्रो. गुड्डी बिष्ट(हिंदी विभाग) तथा मुख्य छात्रावास अधीक्षक प्रो. दीपक कुमार(अंग्रेजी विभाग), डॉ.सविता भंडारी(अंग्रेजी विभाग), डॉ. कपिल पंवार(हिंदी विभाग) , डॉ. कुनजांग आंगमो (अंग्रेजी विभाग), डॉ. सविता मैठाणी (हिंदी विभाग) समेत शोधार्थी और छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

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