श्रीनगर में बैठक करते ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्य
मेडिकल डिवाइस लाइसेंस को लेकर अचानक हुई कार्रवाई से गुस्साए श्रीनगर और श्रीकोट के मेडिकल स्टोर संचालकों ने दुकानों पर लगाए ताले
दवाइयां के लिए के लिए लोग रहे परेशान
श्रीनगर। बुधवार को श्रीनगर और श्रीकोट में सभी मेडिकल स्टोर संचालकों ने अपनी दुकानों में ताले लगा दिए। औषधि नियंत्रक विभाग द्वारा मंगलवार को श्रीनगर में मेडिकल स्टोरों का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान मेडिकल डिवाइस लाइसेंस न होने व अन्य कमियां पाए जाने पर विभाग द्वारा आठ मेडिकल स्टोर में दवाइयां के क्रय विक्रय पर रोक लगा दी गई। ड्रग कंट्रोल डिपार्मेंट द्वारा मेडिकल डिवाइस लाइसेंस को बनाने के लिए समय न दिए जाने और अचानक की गई इस कार्रवाई से गुस्साए श्रीनगर एवं श्रीकोट के मेडिकल स्टोर संचालकों ने अपनी दुकानों में ताले लगा दिये। जिस कारण दवाइयां के लिए लोगों को दिक्कतें झेलनी पड़ी।
मंगलवार को औषधि नियंत्रक विभाग द्वारा मेडिकल स्टोर का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान टीम द्वारा मेडिकल स्टोर संचालकों से मेडिकल डिवाइस लाइसेंस के बारे में पूछताछ की गई। इस पर मेडिकल स्टोर संचालकों का कहना था कि अक्टूबर 2022 को लागू हुए मेडिकल डिवाइस लाइसेंस बनाने के लिए सभी को समय दिया जाए। इस लाइसेंस के लिए ऑनलाइन तरीके से आवेदन नहीं हो पा रहा है। जिस कारण मेडिकल स्टोर संचालक लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए हैं। लेकिन विभाग द्वारा आठ मेडिकल स्टोर में दवाइयों के क्रय विक्रय में रोक लगा दी गई। जिस कारण दवाई विक्रेताओं ने अपनी दुकान बंद कर दी। दवा की दुकान बंद होने से लोगों को दिक्कतें उठानी पड़ी।
ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन श्रीनगर के अध्यक्ष अजय काला ने कहा कि छापेमारी का विरोध नहीं किया जा रहा है। पहली बार मेडिकल डिवाइस लाइसेंस को लेकर यह कार्रवाई की गई। लाइसेंस के लिए 10 दिन के समय की मांग की गई। जिसको टीम द्वारा अनदेखा किया गया है। यह लाइसेंस श्रीनगर श्रीकोट सहित प्रदेश में कई मेडिकल स्टोर संचालकों के पास नहीं है। विभाग द्वारा इस लाइसेंस को बनाने के लिए समय न दिए जाने के कारण श्रीकोट एवं श्रीनगर के सभी मेडिकल संचालकों ने अनिश्चितकाल के लिए अपनी दुकान बंद कर दी। उन्होंने कहा कि श्रीकोट एवं श्रीनगर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में दवाइयां की जरूरत होने पर कुछ फोन नंबर दिए गए हैं। आवश्यकता होने पर दवाई पहुंचाई जाएगी।
वहीं औषधि व्यवसाय महासंघ ने कहा कि यह लाइसेंस अभी कुछ महीने पूर्व लागू हुआ है। विभाग द्वारा सभी केमिस्ट संचालकों को लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया बतानी चाहिए थी। इसका समाधान न होने पर पूरे प्रदेश में दवाइयां की दुकानों को बंद रखे जाने की चेतावनी दी।