समस्या का समाधान नहीं होने पर पूरे प्रदेश में दवा व्यवसाय को बंद करने की चेतावनी

रोजमर्रा की दवाइयों के लिए परेशान रहे लोग

श्रीनगर। मेडिकल डिवाइस लाइसेंस को लेकर अचानक हुई कार्रवाई से गुस्साए श्रीनगर और श्रीकोट के मेडिकल स्टोर संचालकों ने दूसरे दिन भी अपनी दुकानें बंद रखी। समर्थन में कोटद्वार और पौड़ी के ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन ने दवा प्रतिष्ठान बंद रखे। जिस कारण तीनों शहरों में अपनी रोजमर्रा की दवाइयां के लिए लोग परेशान रहे। हालांकि अति गंभीर मरीजों के लिए ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन जनहित में मदद पहुंचा रहा है। समाधान नहीं निकलने पर उत्तरांचल औषधि व्यवसाय महासंघ ने प्रदेश भर में दवाइयां की दुकानों को बंद करने की चेतावनी दी है।

बता दें कि औषधि नियंत्रक विभाग द्वारा मंगलवार को श्रीनगर में मेडिकल स्टोरों का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान मेडिकल डिवाइस लाइसेंस न होने व अन्य कमियां पाए जाने पर विभाग द्वारा आठ मेडिकल स्टोर में दवाइयां के क्रय विक्रय पर रोक लगा दी गई। इस लाइसेंस को बनाने में समय न दिए जाने के कारण मेडिकल स्टोर संचालकों ने अपनी दुकानों में ताले लगा दिए।

उत्तरांचल औषधि व्यवसाय महासंघ के अध्यक्ष बीएस मनकोटी एवं सचिव अमित गर्ग ने उत्तराखंड के ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी को भेजे ज्ञापन में चिकित्सा उपकरण नियम 2022 के प्रारूप पर आपत्ति जताते हुए कुछ सुझाव दिए। उन्होंने समस्या का समाधान नहीं होने तक जनहित में वर्तमान लाइसेंस पर ही मेडिकल उपकरणों को क्रय विक्रय किए जाने की मांग रखी। औषधि नियंत्रण विभाग के गढ़वाल प्रभारी सुधीर कुमार ने बताया कि दवा विक्रेताओं को लाइसेंस के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया की जानकारी दे दी गई है। जबकि औषधि व्यवसाय महासंघ के अध्यक्ष का कहना है कि ऑनलाइन की प्रक्रिया इतनी सरल होती तो प्रदेश में सभी दवा विक्रेता यह लाइसेंस बना चुके होते। उन्होंने विभाग से आदेश वापस लेते हुए एक माह का समय दिए जाने की मांग की। मांग नहीं माने जाने पर प्रदेशव्यापी बंद के चेतावनी दी।
ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन श्रीनगर के अध्यक्ष अजय काला ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत के सम्मुख अपनी मांगों को रखा गया है।

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