Guldar killed in Maletha
विधायक विनोद कंडारी ने वन विभाग की टीम को 11 हजार रुपये देकर किया सम्मानित
क्षेत्र के लोगों ने ली राहत की सांस
श्रीनगर। कीर्तिनगर क्षेत्र में खौफ का पर्याय बने गुलदार को वन कर्मियों ने मलेथा में ढेर कर दिया। गुलदार मरने की सूचना के बाद क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली। कीर्तिनगर क्षेत्र में यह बाघ लगातार स्थानीय लोगों सहित वन कर्मियों पर हमला कर रहा था। बाघ द्वारा चार ग्रामीण महिलाओं सहित चार वन कर्मियों पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। स्थानीय विधायक विनोद कंडारी, डीएफओ अमित कंवर, उप जिलाधिकारी सोनिया पंत एवं वन कर्मियों व क्षेत्रीय लोगों की मौजूदगी में सफलतापूर्वक इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया गया। जिसके लिए ड्रोन का इस्तेमाल भी किया गया। विधायक विनोद कंडारी द्वारा वन विभाग की टीम को ₹11000 का नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि वन विभाग की टीम के अथक प्रयासों के बाद गुलदार को मारने में सफलता मिल पाई।
गुरुवार को कीर्तिनगर क्षेत्र की चार महिलाओं पर बाघ द्वारा हमला कर उन्हें घायल कर दिया गया था। इसके बाद वन विभाग की टीम बाघ की खोजबीन में लगी हुई थी। इसी बीच बाघ द्वारा वन विभाग के एसडीओ अनिल कुमार पैन्यूली, वन कर्मी महावीर सजवान सहित चार लोगों पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। बाघ के लगातार हमले से क्षेत्र के लोगों में भय बना हुआ था।
शुक्रवार को गुलदार मलेथा स्थित एक होटल में आ धमका। इसके बाद होटल स्वामी ने होटल का शटर डाउन कर दिया। वहां वन विभाग वालों ने उसे ट्रेंकुलाइज करने की काफी मशक्कत की। लेकिन उन्हें सफलता हासिल नहीं हो पाई। इसके बाद बाघ कहीं से रास्ता देख बाहर भाग गया और बाघ रेलवे साइट के नीचे झाड़ियों में छुप गया। इस बीच स्थानीय विधायक विनोद कंडारी, डीएफओ अमित कंवर, उप जिलाधिकारी सोनिया पंत भी मौके पर पहुंचे।
काफी देर तक बाघ झाड़ियों से बाहर नहीं निकला। विधायक विनोद कंडारी द्वारा रेलवे से ड्रोन मंगाया गया। ड्रोन की आवाज से बाघ झाड़ियों से बाहर निकल कर वन कर्मियों की ओर दौड़ पड़ा। अपनी जान बचाने के लिए वन कर्मियों ने बाघ पर फायर झोंक कर उसे ढेर कर दिया। जिसके बाद क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली।
विधायक विनोद कंडारी ने वन विभाग की टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि मैंने पहली बार देखा की बाघ से संघर्ष कितना कठिन होता है। आखिरकार वन विभाग ने गुलदार को ढेर कर लोगों को इसके आतंक से मुक्ति दी है। जिसके लिए मैं पूरी टीम को बधाई देता हूं। उन्होंने वन विभाग की टीम को 11000 रुपए का नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि टीम द्वारा गुलदार को ट्रेन्कुलाइज करने के काफी प्रयास किये गए। लेकिन इसमें सफलता नही मिल पाई। अंततः आत्मरक्षा में गुलदार को वन विभाग के शूटरों द्वारा मार दिया गया।
इस दौरान वन क्षेत्राधिकारी देवप्रयाग मदन सिंह रावत, कीर्तिनगर के वन क्षेत्राधिकारी बुद्धि प्रकाश, एसडीओ कृष्णकांत नौटियाल आदि मोर्चा संभाले हुए थे।