मूल निवास की लड़ाई उत्तराखंड के अस्तित्व की लड़ाई
उत्तराखंड में सशक्त भू कानून लागू करने की मांग
श्रीनगर। मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति द्वारा श्रीनगर गढ़वाल में 10 मार्च (रविवार) को विशाल मूल निवास स्वाभिमान महारैली निकाली जायेगी। इस संबंध में आयोजित बैठक के दौरान जनता से जल, जमीन और जंगल को बचाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया गया। समिति द्वारा मूल निवास स्वाभिमान महारैली की तैयारी पूरी कर दी है।
मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि 10 मार्च को सुबह 10 बजे सभी लोग रामलीला मैदान में एकत्रित होंगे। यहां पर जनसभा के बाद गोला बाजार तक रैली निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई प्रत्येक मूल निवासी की है। आज हमारी नौकरियां हमसे छीनी जा रही है। जमीन और सभी तरह के आर्थिक संसाधनों पर बाहर के लोगों का कब्जा होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि गढ़वाल विश्विद्यालय के केंद्रीय विश्विद्यालय बनने से हमारे मूल निवासी छात्रों को दाखिला मिलना मुश्किल हो गया है।
हमारी यह भी मांग है कि यहां के छात्रों को एडमिशन के लिए वैटेज मिलना चाहिए और नियुक्तियों के लिए मूल निवासियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए। हर तरह के सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में नौकरी पर पहला अधिकार मूल निवासी का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दलगत राजनीति से हटकर हर मूल निवासी को अपने अधिकार के लिए लड़ना होगा।
पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष पूनम तिवाड़ी ने कहा कि प्रदेश में आपराधिक किस्म के लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे उत्तराखंड की शांत वादियों में हत्या, लूट और बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही है। यह हमारे लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी के न्याय की लड़ाई लड़ रहे आशुतोष नेगी को साजिशन झूठे मुकदमे में फंसाया गया है। ताकि अंकिता की न्यायिक लड़ाई को कमजोर किया जा सके।
छात्रसंघ महासचिव आंचल राणा ने कहा कि मूल निवास की लड़ाई उत्तराखंड के अस्तित्व की लड़ाई है। अगर हम अपनी जमीनों को नहीं बचा पाए तो हम अपनी संस्कृति, खान-पान सब खो देंगे। पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष प्रभाकर बाबुलकर, समिति के कोर मेंबर अरुण नेगी, देवेंद्र नौडियाल, प्रांजल नौडियाल, जय हो छात्र संगठन से छात्रसंघ अध्यक्ष सुधांशु थपलियाल,
शिवानंद लखेड़ा, अमित पंत, छात्रम संगठन से उपाध्यक्ष रुपेश नेगी, प्रदेश उपाध्यक्ष सूरज नेगी, एसएफआई से प्रदेश अध्यक्ष नितिन मलेठा, आईसा से अंकित उछोली, अतुल सती, ऐआईडीएसओ से कुलदीप, आर्यन संगठन से नीरज पंचोली, केशव ने कहा कि पूर्व अध्यक्ष, पूर्व उपाध्यक्ष रोबिन सिंह, उपासना भट्ट वीरेंद्र बिष्ट, पुनीत, अखिल राणा, मोनिका ने भी विचार रखे।