High court nainital
हाईकोर्ट के लिए नगर निगम श्रीनगर उपयुक्त जगह: जैन
विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग एवं अधिवक्तागण हुए एकजुट
श्रीनगर। नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर उत्तराखंड में घमासान के बीच गढ़वाल के प्रमुख केंद्र श्रीनगर में हाईकोर्ट की स्थापना किए जाने की मांग उठी है। पर्वतीय क्षेत्र के एकमात्र नवगठित नगर निगम श्रीनगर में हाईकोर्ट की बेंच की स्थापना हो, इसकी मांग श्रीनगर के प्रबुद्धजनों एवं विभिन्न सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोगों ने एक सुर में की।
हाईकोर्ट शिफ्टिंग के मुद्दे पर बुद्धवार को नगर के सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोग एकजुट हुए। सभी ने एकमत होकर कहा कि नैनीताल से हाईकोर्ट की शिफ्टिंग पहाड़ों में होनी चाहिए। नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल जैन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उत्तराखंड बनाने के पीछे मूल अवधारणा यही थी कि पहाड़ का विकास हो। यदि हाईकोर्ट भी राजधानी की तरह मैदान में खुलता है, तो फिर राज्य बनाने का क्या फायदा। उन्होंने इसके लिए नगर निगम श्रीनगर को उपयुक्त जगह बताया। कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में श्रीनगर की महत्ता को देखते हुए इसे नगर निगम के रूप में उच्चीकृत किया गया है। यहां पर राज्य का एकमात्र एनआईटी और केंद्रीय विश्वविद्यालय है। उच्च न्यायालय यहां स्थापित होने से निश्चित तौर पर पलायन भी रुकेगा।
व्यापार सभा श्रीकोट के अध्यक्ष नरेश नौटियाल ने कहा कि श्रीनगर में महत्वपूर्ण संस्थान स्थापित हुए हैं। यदि सभी एकजुट हो जाएं तो यहां पर हाई कोर्ट भी स्थापित हो सकता है। उन्होंने हैरत जताते हुए कहा कि आखिर क्या कारण है कि पूरे भारत से यहाँ के बेस हॉस्पिटल में न्यूरोसर्जन एवं कार्डियोलॉजिस्ट नहीं आ सकते। कहा कि गैरसैण राजधानी बने या हाई कोर्ट श्रीनगर में बने। तभी यहाँ डॉक्टर आएंगे।
एडवोकेट भूपेंद्र पुंडीर ने कहा कि हाईकोर्ट का मसला आम आदमी से जुड़ा है। जो आम आदमी के लिए सस्ता व सुलभ रहे। पहाड़ के विकास हेतु हाईकोर्ट की स्थापना पहाड़ पर होनी चाहिए। इस मौके पर व्यापार मंडल श्रीनगर के जिला अध्यक्ष वासुदेव कंडारी, व्यापार सभा श्रीनगर के अध्यक्ष दिनेश असवाल, बीएसएनएल इंप्लाईज यूनियन के पूर्व अध्यक्ष पीवी डोभाल, वरिष्ठ अधिवक्ता सुमन रावत, सुधीर उनियाल सहित विभिन्न सामाजिक सरोकारों से जुड़े कई लोग मौजूद रहे।