अपर सचिव ग्राम्य विकास सविन बंसल ने उनियाल की सेवाओं को बताया सराहनीय
गढ़वाली काव्य संग्रह “छैल” का लोकार्पण
देहरादून/श्रीनगर। उत्तराखंड सचिवालय में कार्यरत प्रमुख निजी सचिव वाणी विलास उनियाल सेवानिवृत्त हो गए हैं। शुक्रवार को सचिवालय में उनकी सेवानिवृत्ति पर उत्तराखंड सचिवालय संघ की ओर से विदाई समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर अपर सचिव ग्राम्य विकास सविन बंसल ने उनियाल की सेवाओं की सराहना करते हुए उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि उनकी कार्य कुशलता से अन्य कर्मियों को भी सीख लेनी चाहिए। इस मौके पर सचिवालय संघ के अध्यक्ष सुनील लखेड़ा एवं महासचिव राकेश जोशी ने कहा कि विकासखंड कीर्तिनगर के मयाली (पाटाखाल) निवासी वाणी विलास उनियाल ने राज्य गठन से पूर्व एवं बाद पूरी कर्मठता के साथ 40 वर्ष की राजकीय सेवा की। इस दौरान उन्होंने 24 वर्ष की बेहतरीन सेवाएं सचिवालय में दी हैं। मौके पर संघ के सभी सदस्यों ने उन्हें शुभकामनाएं दी।
गढ़वाली काव्य संग्रह “छैल” का लोकार्पण
इस दौरान कवयित्री साईनीकृष्ण उनियाल के गढ़वाली काव्य संग्रह “छैल” का लोकार्पण समारोह देहरादून बद्रीपुर में धूमधाम से आयोजित किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि अपर सचिव, उत्तराखंड सवीन बंसल, कार्यक्रम अध्यक्ष व साहित्यकार डॉ. जयंती प्रसाद नौटियाल, विशिष्ट अतिथि कवि विवेक बादल बाजपुरी एवं गढ़वाली पजलकार जगमोहन जगमोरा ने काव्य संग्रह का लोकार्पण कर कवयित्री साईनीकृष्ण उनियाल को बधाई दी।
शनिवार को आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. जयंती प्रसाद नौटियाल ने कहा कि गढ़वाली भाषा के सरंक्षण में इस तरह के कार्य सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि साईनीकृष्ण उनियाल ने यह काव्य संग्रह अपनी सास को समर्पित कर प्रेरणादायक कार्य किया है। विशिष्ट अतिथि गढ़वाली की नई विधा पर कार्य कर रहे पजलकार जगमोहन जगमोरा ने छैल काव्य संग्रह की समीक्षा की। उन्होंने गढ़वाली भाषा के प्रति युवा कवियों के रुझान की सराहना की। विशिष्ट अतिथि बुलंदी साहित्यिक संस्था के संस्थापक कवि विवेक बादल बाजपुरी ने गढ़वाली काव्य संग्रह “छैल” की प्रत्येक रचना को विशिष्ट बताया। संचालन प्रवक्ता शैलेन्द्र तिवारी ने किया।