अतिथि शिक्षकों ने शिक्षण कार्य के अतिरिक्त अन्य विभागीय कार्यों को नहीं करने की चेतावनी दी
श्रीनगर। जनपद पौड़ी के विभिन्न विकासखंडों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों ने विगत दो वर्षों से दीर्घकालीन अवकाशों का मानदेय नहीं दिये जाने पर रोष व्यक्त किया है। साथ ही विगत 5 वर्षों से शीतकालीन व ग्रीष्मकालीन अवकाशों का मानदेय भी नहीं मिलने पर अतिथि शिक्षकों ने शिक्षण कार्य के अतिरिक्त अन्य विभागीय कार्यों को नहीं करने की चेतावनी दी है।
माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ की जिला अध्यक्ष रेखा रावत ने कहा कि विगत दस वर्षों से अतिथि शिक्षक दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था को संभाले हुए हैं। जनपद की शिक्षा व्यवस्था को व्यवस्थित एवं सुचारु बनाने में जनपद में कार्यरत् 650 अतिथि शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान के बावजूद शासन एवं विभाग की उपेक्षा के चलते इन्हें मानसिक उत्पीड़न एवं आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है।
जनपद पौड़ी के कुछ विकासखण्डों में पिछले 5 वर्षों का शीतकालीन व ग्रीष्मकालीन अवकाशों का मानदेय नहीं दिया गया है साथ ही दीर्घकालिक अवकाशों का मानदेय भी नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री से शिक्षक कई बार मानदेय दिलवाने की गुहार लगा चुके हैं परन्तु विभागीय अधिकारियों के मनमाने रवैये से अतिथि शिक्षक अपने आप को असहाय महसूस कर रहे हैं।आर्थिक संकट से गुजरने के बावजूद भी विभाग एवं विद्यार्थियों के हित में परिषदीय परिक्षाओं में आपना पूर्ण योगदान दे रहे हैं।
हमें पूरे वर्ष में 11 माह का भी मानदेय नहीं दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में जनपद पैड़ी में कार्यरत् सभी अतिथि शिक्षक आने वाले समय में शिक्षण के अलावा कोई भी कार्य नहीं करेंगे।